डॉ डी. मन्जुनाथ
उपायुक्त केन्द्रीय विद्यालय संगठन – हैदराबाद संभाग
संदेश
केंद्रीय विद्यालय संगठन उत्कृष्टता ,रचनात्मकता और सीखने के विशिष्ट केंद्र के रूप में जाना जाता है जो भविष्य के नागरिकों के सामंजस्यपूर्ण और सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ शिक्षा के इस मंदिर में अनवरत चलने वाली विविध गतिविधियों को न केवल प्रतिबिंबित करता है अपितु उन्हें अपनी उपलब्धियां को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है ।
नवाचार और रचनात्मकता 21वीं सदी की संपत्ति है” |इस विचारधारा और अदम्य इच्छा शक्ति के साथ केंद्रीय विद्यालय संगठन देश की शिक्षा प्रणाली को उत्कृष्टता के शिखर पर ले जाने के लक्ष्य की ओर लगातार अग्रसर है ।केंद्रीय विद्यालय संगठन गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने ,छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करने ,मित्रता एवं मैत्रीपूर्ण प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाने एवं उन्नत तकनीक के साथ प्रतिभा उत्पन्न करने का एक ऐसा मंच प्रदान करता है जिससे हमारे छात्र आधुनिक दुनिया के अग्रणी नेतृत्वकर्ता बन सके ।
“अंधकार को दूर कर प्रकाश जो फैला दे।
बुझी हुई आशाओं में विश्वास जो जगा दे।
जब लगे ना मुमकिन कोई चीज उसे, मुमकिन बनाने की राह जो दिखा दे।
अज्ञानी के मन में जो ज्ञान के दीप जला दे।”
वही है शिक्षा, वही है शिक्षा, वही है शिक्षा।विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय संगठन, हैदराबाद संभाग अपनी गौरवपूर्ण उपस्थिति कई दशको से दर्ज कर रहा है। हमारा मुख्य उद्देश्य शिक्षा को न केवल स्कूल की दीवारों एवं स्कूल परिसर तक सीमित रखना है बल्कि इसके द्वारा समग्र रूप से छात्रों के दृष्टिकोण में परिवर्तन लाकर उनको वैज्ञानिक सोच और रचनात्मक कल्पना रखने वाले श्रेष्ठ नागरिक के रूप में विकसित करना है। केंद्रीय विद्यालयों की बहु-सांस्कृतिक और भाषाई विविधिता , जहाँ बच्चे विविध पृष्ठभूमि से आते है , उनके बौद्धिक आयाम को व्यापक स्वरूप प्रदान करता है | यह उन्हें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता के प्रति संवेदनशील बनाता है|
केंद्रीय विद्यालय संगठन , हैदराबाद संभाग छात्रों की शैक्षणिक और पाठ्य सहगामी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके उज्जवल भविष्य के लिए सदैव तत्पर है ।हमारा लक्ष्य 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक मूल्यों और जीवन कौशलों को विकसित करना है । आत्म संवर्धन और उन्नति की इस यात्रा में विद्यार्थियों के सुदृढ़ एवं उज्जवल भविष्य सृजन के हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षकवृंद , कर्मचारी सदस्य और अभिभावकगण महती भूमिका का निर्वाहन करते हैं ।
निवर्तयत्यन्यजनं प्रमादतः स्वयं च निष्पापपथे प्रवर्तते । गुणाति तत्त्वं हितमिच्छुरंगिनाम् शिवार्थिनां यः स गुरु र्निगद्यते ॥
संस्कृत का यह श्लोक हम सभी के जीवन में गुरु के महत्त्व को परिभाषित करता है I नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को प्राप्त करने में शिक्षकों की निर्णायक भूमिका है ।छात्र अपने गुरुओं के स्नेहपूर्ण देखभाल और मार्गदर्शन में फलते फूलते हैं जो उन्हें जीवन में वास्तविक चुनौतियों का सामना करने एवं उनका हल ढूंढने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं ।
हम अपने छात्रों को समाज और राष्ट्र की सेवा करने के लिए सुसज्जित और प्रशिक्षित करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित है ।
सभी विद्यार्थियों शिक्षकवृंद एवं अभिभावक गण को हृदय की गहराइयों से उज्जवल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं ।